From CDA's Desk

 

प्रिय साथियों,


लगभग 26 वर्ष पहले मैंने अपने रक्षा लेखा विभाग के कैरियर की शुरूआत वेतन लेखा कार्यालय (बी.ई.जी. रुड़की) के प्रमुख से की थी। वहाँ पदग्रहण करने से पहले मैं रक्षा लेखा नियंत्रक(सेना), मेरठ से मिलने आया। रक्षा लेखा नियंत्रक (सेना) कार्यालय का भव्य व आलीशान भवन, बड़े व भारी स्तम्भों के पीछे सत्ता के गलियारे एवं नवयुवा अधिकारी की अनुभवहीनता, सबकुछ मिलाकर मुझे भ्रमित एवं आशंकित कर रहे थे। कैरियर का पूरा वृत्त घूमकर आज मैं स्वयं को इस कार्यालय के प्रमुख के पद पर पाता हूँ। सर्वप्रथम अपने उच्च अधिकारियों का धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने मुझे इस महती उत्तरदायित्व के लिए चुना।


आप सबसे मैं सहयोग की आकांक्षा करता हूँ ताकि मिलकर हम इस कार्यालय को सफलता के शिखर पर पहुँचा सकें। कार्यालय केवल एक ईंट, रोड़े व गारे का भवन नहीं होता है। कार्यालय सबसे कनिष्ठ कर्मचारी से लेकर सबसे वरिष्ठ अधिकारी को मिलाकर बनने वाली एक जैविक इकाई है जिसमें सबका योगदान अपेक्षित है। रामसेतु में गिलहरी के अप्रतिम योगदान से हम सब भलीभॉति परिचित हैं। यदि आप सबमें से किसी के पास भी कोई ऐसा नया विचार या योजना हो जो हमारे कार्य को अधिक बेहतर एवं दक्ष कर सके तो आप सीधे मुझे मिल सकते हैं। किसी भी पद की महत्ता, महानता व गरिमा नये विचार को बाधित करने में नहीं अपितु उसे प्रेरित करने में है। वैसे इस तरह की कई योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए संस्थागत क्रियाविधि शीघ्र ही शुरू की जायेगी।


सत्यनिष्ठा, समयनिष्ठा, नियमावली का ज्ञान, समय पर कार्य-निस्तारण, अच्छा व्यवहार-ये कुछ मुख्य बिन्दु हैं जिन पर हम सदा जोर देते हैं। आप अपनी इच्छानुसार इन मुख्य बिन्दुओं को वरियताक्रम प्रदान कर सकते हैं। किन्तु मेरा आपको यह निर्देश है कि हम सब सर्वप्रथम वरियता सत्यनिष्ठा को दें। यदि आप ध्यान देंगे तो उपरोक्त सभी बिन्दु कमोबेश रूप से सत्यनिष्ठा में ही समाहित हैं। ’’स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’’ को हमें अत्यंत मौलिक एवं वृहद परिप्रेक्ष्य में समझने व क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।


यहाँ मैं सबसे कह देना चाहूँगा कि रक्षा लेखा नियंत्रक (सेना) के अधीन जो कार्यालय भौगोलिक दृष्टि से मुख्य कार्यालय से दूर हैं, वे हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्य कार्यालय में बैठे हुए हमें यह सदैव ज्ञात रहना चाहिए कि दूरस्थ कार्यालय हमारी ओर आशा की दृष्टि से देखते हैं। उनके सभी कार्यों को त्वरित संपन्न करना उनकी, मुख्य कर्यालय की एवं एक इकाई के रूप में सम्पूर्ण रक्षा लेखा नियंत्रक (सेना) कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुचारू करके न केवल हमारी छवि को बेहतर बनायेगा बल्कि हमारे कर्मचारी/अधिकारीगण में संतुष्टि के स्तर को उच्च बनाये रखेगा।


अंत में मैं यह कहना चाहूँगा कि मुख्य कार्यालय, रक्षा लेखा नियंत्रक (सेना) का संपूर्ण संगठन व रक्षा लेखा विभाग हम सबसे बना है और कोई भी लौह-श्रृंखला केवल अपनी सबसे कमजोर कड़ी के बराबर ही मजबूत होती है। हमें उस सबसे कमजोर कड़ी को बल प्रदान करके पूरी लौह-श्रृंखला को मजबूत करना है। आपके प्रत्येक अच्छे कार्य का श्रेय केवल आपको है और आपकी प्रत्येक गलती का दोष मैं स्वयं पर लेने को तत्पर हूँ, यदि वह गलती निष्कपट एवं अबोध है। अंत में आप सबको आह्वान करता हूँ कि मिलकर एक-दूसरे के सहयोग से हम इस संगठन को सफलता के उच्च सोपान पर स्थापित करें। रक्षा लेखा विभाग की ऐतिहासिकता व उच्च कार्य क्षमता की छवि का महती भार कोई एक व्यक्ति/अधिकारी न संभाल पायेगा। आईये सब मिलकर इस भार को उठाते हुए विभाग को ऊंचाई की ओर ले चलें।


धन्यवाद


-जय हिन्द-

 

 

दिनांक : 19.06.2023

(तरुण कुमार जाजोरिया)

भारतीय रक्षा लेखा सेवा

रक्षा लेखा नियंत्रक(सेना), मेरठ